Sunday 22 January 2017

स्वर्ग-सा भारत OR स्वर्गवासी भारत

स्वर्ग , जन्नत या Heaven, इसकी परिकल्पना हर धर्म, संप्रदाय में की गई है ! हर धर्म में स्वर्ग की प्राप्ति के अलग अलग रास्ते बताये गये है, मगर एक बात सभी धर्मों में कॉमन है और वो है कि "मरे बगेर स्वर्ग दिखाई नहीं देता" ! अगर आपको स्वर्ग के दर्शन करने है तो आपको मरना पड़ेगा, मृत्युलोक में जाना पड़ेगा ! 8 नवम्बर 2016 को एक महान आदमी  नारेस्त्रदामोस मोदी ने घोषणा करते हुए कहा था कि वो देश को स्वर्ग बना देंगे ! अब यहाँ शंका इस बात की है कि वो देश को स्वर्ग सा बनाना चाहते है या फिर स्वर्गवासी बनाना चाहते है। जबसे साहेब ने देश की बागडोर संभाली है तब से देश स्वर्ग बना या नहीं ये बहस का विषय हो सकता है किंतु पिछले कुछ महीनो में हमने देश की अर्थव्यवस्था, सैनिकों, किसानों, उद्योगों, रूपया,  आदि का सिर्फ स्वर्गवास होते ही देखा है ! पिछले ढाई साल से किसी "विकास" नामक अवतार की देश प्रतीक्षा कर रहा है, लोगों का मानना है कि वो "विकास" अवतरित होगा और देश की सारी समस्याओं को चुटकी में खत्म कर देगा । आज तक उस विकास को किसी ने देखा नही है जो इस देश को स्वर्ग सा बनायेगा, हालाँकि कुछ लोगों का दावा है कि उन्होंने विकास को देखा है । जब इन ज्ञानी लोगों के बारे में पता लगाया गया तो पता चला कि ये मामूली लोग नही है, बल्कि ये परम् श्रद्धालु भक्त है जो दिन रात भगवन की तपस्या में लीन रहते है और अपनी भक्ति की शक्ति से इन्हें वो दिव्या दृष्टि मिली की है वो "विकास" नामक अवतार को देख सकें! ये सारे भक्त वो लोग है जो 2014 से पहले "मोदियाबिंद" नामक रोग से ग्रस्त थे, फिर इनको Made in Nagpur भगवा रंग के चश्मे दिए गए , उस चश्मे को पहनने के बाद ये लोग दिन रात सोशल मीडिया पे भगवन की भक्ति करते है और इन्हें चारों तरफ उस चश्मे से सिर्फ "विकास और स्वर्ग" ही दीखता है ! 31% लोगों को यह देश उस करिश्माई चश्मे की बदौलत स्वर्ग दिख रहा है जबकि नग्न आँखों से देखा जाए तो देश का स्वर्गवास हो चूका है !
पिछले 6 साल में जितने सैनिक "धरती की जन्नत" कश्मीर में आतंकवादियों से लड़ते हुए स्वर्गवासी नहीं हुए उससे ज्यादा अकेले 2016 में हो गए,
भारत की अर्थव्यवस्था भी अब वेंटिलेटर पे है और किसी भी वक़्त स्वर्ग सिधार सकती है, अगर निकट भविष्य में पेट्रोल 84₹ तक पहुंच गया तो वो सीधे मोक्ष को प्राप्त कर लेगा! "विकास" नामक अवतार ने तो ढाई साल में ही इतनी करामात दिखाई की भारत "विकासशील अर्थव्यवस्था" की सूची में पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश जैसे देशों से भी ज्यादा गिरी गुज़री हालत में पहुँच चूका है, अगर "भगवान्" ने चाहा तो 2019 तक देश पूर्णरूप से स्वर्गवासी होकर मोक्ष को प्राप्त कर लेगा, "भगवान" की इस परम इच्छा को मूर्त रूप देने में उनके देवदूत भी तत्परता से दिन रात लगे हुए है,लौहपथ गामिनी विभाग के प्रमुख "प्रभु" ने भी अपनी लीला दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी,और निरंतर भारतियों को स्वर्ग की सैर करवा रहे है, प्रभु और व्यापम वाले मामा जी में गलाकाट प्रतिस्पर्धा चल रही है कि कौन सबसे ज्यादा लोगों को स्वर्गवासी बनायेगा ! भारतीय किसान भी "स्वर्ग-दर्शन" परियोजना में दिन रात योगदान कर रहा है,

किसानों के द्वारा स्वर्ग के लिए बुक कराए गए टिकटों में 42% की अप्रत्याशित उछाल देखने को मिली, जबकि 8 नवम्बर की आकाशवाणी के बाद से अब तक लगभग 20 लाख लोग काम-मुक्त हो चुके है और कई हजारों उद्योग धंधे स्वर्गवासी हो चुके है !

मगर भक्तगण अभी भी रात दिन उनके भगवन का नाम जपने में व्यस्त है और लोगों को साम, दाम, दंड, भेद से समझा रहे है कि 50 दिनों में भगवान् ने देश को जन्नत बना दिया है, इन भक्तों के लिए ग़ालिब का एक शेर लिखना चाहूंगा
हमको मालुम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन
दिल बहलाने को ग़ालिब ये ख्याल अच्छा है
और अंत में इनके भगवान से विनम्र विनती करता हूँ कि भारतवर्ष को भारत ही रहने दो, इसको देश के करोड़ों भारतियों की जन्मभूमि ही रहने दो  इसको स्वर्ग मत बनाओ क्योंकि
जननी जन्मभूमिश च स्वर्गादपि गरीयसी. !!

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